तोड़ना कलम की झिझक को - ममता कालिया जी के साथ हिन्दी कहानी लेखन कार्यशाला

हिन्दी साहित्य जगत की प्रसिद्ध पत्रिका ‘नयी धारा’ ने आज त्रिवेणी कला संगम में वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया जी के साथ एक ‘कहानी लेखन वर्कशॉप’ आयोजित की थी। किसी कहानीकार का लिखा हुआ पढ़ना अलग बात है, और ख़ुद उन से मिलना, बातें कर पाना अलग। मैं ये भी देखना चाहता था कि कविताएँ लिखने के अलावा, क्या मैं ख़ुद को कहानियों के माध्यम से भी अभिव्यक्त कर सकता हूँ या नहीं।

८० की उम्र पार करने के बाद भी ममता जी का ‘एनर्जी-लेवल’ युवाओं जैसा ही लगा। ढेर सारी बातें, जीवन के क़िस्से-कहानियाँ, और आँचल भर ज्ञान, वो भी एक बड़ी लेखिका होने के अभिमान बिना, सच में बेहद अच्छा लगा उनसे मिलना। उन के स्नेह भरे मार्गदर्शन से, आज मैं अपनी ‘कलम की झिझक’ को तोड़ पाया और दो लघु कथाएँ लिख पाया।

सर्दियों के इस शनिवार को विशेष बनाने के लिए ममता जी और नयी धारा टीम, ख़ासकर आरती जैन जी का साभार। आशा करता हूँ आगे भी हम अन्य कार्यशालाओं में, और भी प्रबुद्ध जनों से मिल पायेंगे।



-आलोक, २०/०१/२०२४

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